रेखा आंटी मेरी मम्मी की सहेली थी और वो अक्सर मेरे घर मम्मी के साथ गपशप और गोसिप करने के लिए आती थी, यह हॉट आंटी बहुत ही सेक्सी थी लेकिन मेरी मम्मी के डर की वजह से मैं उससे नजदीकी नहीं बना सकता था. वह अक्सर मुझे गांड के उपर हाथ मार के हाई हल्लो किया करती थी, मेरा लंड तो तन जाता था इस हॉट आंटी के स्पर्श से लेकिन मेरी मन की मन में ही रह जाती थी. लेकिन मेरे टीनेजर 19 साल के लंड को इस आंटी का चुदाई का मौका मिल ही गया, आईये आप मित्रो को इस हॉट आंटी की चुदाई की कहानी सुनाऊं……!
उस दिन मेरी मम्मी मेरे मामा की शादी की खरीदी करने के लिए मामी और मौसी के साथ लखनऊ गई हुई थी और मैं घर में अकेला था, गर्मियाँ शरू हो गई थी और कुत्ते बिल्ले तक दोपहर में सो जाते थे. मैंने अपने लेपटोप पर बीपी लगाईं हुई थी और मैं इस बीपी में एक हॉट आंटी की चुदाई ही देख रहा था, मेरा हाथ हाल्फ पेंट के अंदर ही घुसा हुआ था और में रेखा आंटी के नाम के ही मुठ ले रहा था. तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और मैंने मूवी पॉज़ कर के मिनीमाईज की और दरवाजा खोला, सामने रेखा आंटी ही खड़ी थी…गर्मी होने की वजह से हॉट आंटी एकदम पतले और हल्के कपडे पहने हुई थी जिस से उसके देसी बड़े स्तन मस्त दिख रहे थे. मेरा लंड पहेले से खड़ा था और इस हॉट आंटी को देख के और भी उत्तेजित हो उठा. आंटी ने भी शायद मेरे लंड में आये उभार को देख लिया था, वह बोली…कितने बजे आएगी तेरी मम्मी.
मैंने कहा, शाम को आएँगे वो लोग तो.
हॉट आंटी बोली, मुझे घर पे बोर लग रहा है, तू क्या कर रहा है…आजा रमी खेलेंगे हम लोग.
मैंने कहा ठीक है….आंटी को घर में ले के मैं लू से बचने के लिए दरवाजा बंध किया. आंटी सीधी लेपटोप के पास जा बैठी और मुझे कहा, विजय पानी तो पिला दे जरा. मुझे लगा की यह आंटी इतनी चालाक तो नहीं होगी की लेपटोप खोलेगी इसलिए मैं पानी भरने चला गया. जब मैं वापस आया तो मेरे पाँव के निचे से जमीं खिसक गई क्यूंकि जब मैं रूम में दाखिल हुआ तभी आंटी ने बीपी वाली विंडो खोल दी. सिन भी आंटी के मुहं में काले लंड देने का ही था. मुझे लगा आज तो विजय बुझ जाएगा जब यह हॉट आंटी मम्मी को शिकायत लगाएगी.लेकिन ये क्या, आंटी तो वोल्यूम स्लो कर के प्ले करने लगी, मैं दरवाजे के पीछे सरक गया इसके पहले की वह मुझे देखे. दरवाजे के पीछे से मैंने देखा की आंटी ने जल्दी जल्दी सिन फोरवर्ड कर के वापस जहाँ मैंने पॉज़ किया था वह ला के बंध किया. विंडो मिनीमाईज कर के वह बैठ गई. मैं दरवाजे से बहार आया और मैंने आंटी को पानी दिया. आंटी की नजर मेरे खड़े हुए लंड की तरफ ही थी.
आंटी बोली, विजय क्या कर रहे हो लेपटोप पे, तूम मुझे भी सिखा दो.
मैंने कहा, आंटी आसान है आप जल्द सिख जाएंगी.
अच्छा, हॉट आंटी नखरे से बोली, ला मैं देखू….! इतना कहेते ही उसने विंडो दुबारा खोली और उस पर चुदाई का सिन देख के मुहं पर हाथ रख के बोली, विजय यह क्या है सभी….क्या यह पोर्न मूवी है.
मैंने कहा, हां आंटी…! मैं बिलकुल नहीं डर रहा था क्यूंकि मुझे आंटी क्या कर रही थी वो पता चल गया था. आंटी बोली, तू भी यह सब देखता है क्या.
मैंने कहा, हाँ आंटी यह मूवी मैं सेक्स एज्युकेशन के लिए देखता हूँ…!
अच्छी बात है, वैसे भी तू 19 का हो चूका है इसलिए तेरे पास सेक्स का ज्ञान होना चाहिए. वैसे अभी तक क्या सिखा है.
मैंने कहा, आंटी कुछ नहीं सिखा अभी तक. आज पहेली बार ही मूवी देख रहा था. हॉट आंटी बोली अच्छा, चल में तुझे बताती हूँ. इतना कह के उसने मूवी चालू कर दी. इस मूवी में एक दिल्ली की आंटी की चूत चुद रही थी. रेखा आंटी मुझे बोली देख ऐसे चुदाई करते है, यह चूत है…उसने मूवी को चूत के द्रश्य पर पॉज़ की थी…इसमें दो छेद होते है एक मूत का और दूसरा चूत का. चूत के छेद में चुदाई होती है. मैंने कहा आंटी सही दिख नहीं रहा है. आंटी हंसी और बोली, मेरी चूत देख एज्युकेशन लेगा. मैंने कहा, सच ,में आंटी….?
हॉट आंटी खड़ी हुई और उसने अपनी लेंघी खोल दी, वह सोफे के उपर बैठ गई और उसने अपनी पेंटी भी उतार दी. इस आंटी की चूत मस्त गुच्छेदार बालो वाली थी लगता था की कितने समय से इसने बाल काटे ही नहीं थे. मेरा लंड तान में आ गया था लेकिन मैं जरा भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था. मैंने आंटी की चूत पर हाथ लगाया और उसे खोलने लगा. आंटी ने मेरी मदद करते हुए चूत के होंठ खोले और बोली, यह निचे वाला छेद चुदाई के लिए होता है और इसमें पुरुष अपना लंड डालते है. मैंने अपनी पेंट उतारी और बोला आंटी मैं डाल के देखूं….? आंटी हंसी और बोली, अच्छा देख ले, लेकिन तेरी मम्मी को मत बताना यह सब. वो भी चालू थी और में भी, दोनों एक दुसरे की उत्तेजना का फायदा लेने में लगे थे, आंटी की चूत को मेरे लंड का स्पर्श होते ही वह मुहं से सी सी..श…ऐसे बोलने लगी और मेरे दोनों हाथ उसके देसी स्तन के उपर चले गए. मैंने एक हलका झटका दिया और लंड चूत में अंदर कर दिया. मेरे हाथ आंटी के भरे हुए स्तन दबा रहे थे और दूसरी तरफ मैं उसकी चूत को हल्के हल्के पेल रहा था. आंटी दोनों हाथ पीछे ले गई और उनके सहारे बैठ गई. मैंने उसकी टाँगे और चौड़ी कर दी और चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.
चूत को कुछ 10 मिनिट पेलता रहा और साथ में मेरे हाथ उसके चुन्चो को ऐसे ही मसल रहे थे, गर्मी का साफ़ असर आंटी के उपर दिख रहा था क्यूंकि उसके पुरे बदन से पसीना छुट रहा था, उसके पेट का पसीना तो लगभग उसकी चूत तक पहुँच चूका था, मेरी हालत भी कुछ वैसी ही थी और मैं भी पसीने से लथपथ ही था. चुदाई की झड़प मैंने और भी बढ़ा दी, आंटी की चूत बूढी होने के वजह से ढीली थी इसलिए चुदाई लंबी चली जा रही थी. तभी मुझे लगा की आंटी ने अपनी चूत कस ली है, शायद उसकी चूत ने रस छोड़ दिया था. मैं भी आंटी के साथ झड़ना चाहता था इसलिए मैंने भी स्पीड और बढ़ा दी, मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली और आंटी की चूत में खाली हो गई….कुछ देर बाद यह हॉट आंटी और मैं सोफे पर बैठे थे, आंटी ने मुझे कहा की अगर तुझे और भी सेक्स एज्युकेशन चाहिए तो मुझे बता देना, मेरे पति दोपहर को घर नहीं होते है…मैं तुझे गांड मारना और स्तन चोदना भी सिखा दूंगी……..!